तहसीलदार हरि सिंह कुल्लू को दशहरा में देवताओं के अस्थायी शिविर तक देवलुओं की ओर से कथित घसीटने व मारपीट के बाद परिवार गहरे सदमे में है। तहसीलदार कुल्लू के परिजनों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। परिजनों के मुताबिक षड्यंत्र के तहत उन्हें तीन साल से निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस और सेक्टर ऑफिसर डयूटी पर थे, इसके बावजूद यह घटना कैसे हुई। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

दशहरा को लेकर जगह-जगह भारी पुलिस बल तैनात है लेकिन दो अक्तूबर को प्रदर्शनी मैदान में तहसीलदार के साथ हुई मारपीट की घटना के दौरान कोई भी पुलिस जवान नजर नहीं आया। इस पर लोग सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर मौके पर पुलिस होती तो शायद इतना विवाद नहीं होता। आरोप लगाया कि एएसपी और जिला राजस्व अधिकारी सहित ब्यूआरटी के सात से आठ जवान आए लेकिन उनके साथ दुर्व्यवहार जारी रहा। उन्हें देवता और गूर के सामने खड़ा कर गूर के कदमों में झुककर माफी मांगने को मजबूर किया। बीच सड़क पर नाक रगड़ने पर मजबूर किया। उन्होंने मामले की जांच जिला मुख्यालय के बाहर के डीएसपी रैंक के अधिकारी से करवाने की मांग की है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुल्लू संजीव चौहान ने कहा कि पुलिस ने बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।